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#स्वदेशीचिट्ठी यह है हमारे गहरे पारिवारिक संस्कार!
#स्वदेशीचिट्ठी
यह है हमारे गहरे पारिवारिक संस्कार!
आज सवेरे मैं गूगल से समाचार पढ़ रहा था।कल हमारे नए नौसेना अध्यक्ष बने हैं,केरल के, के-हरी कुमार।उन्होंने जब शपथ ली तो तुरंत बाद वे नीचे आए और सभी वरिष्ठ अधिकारियों के सामने मां के पैर छुए, मां ने उन्हें गले लगा लिया और उन्होंने निसंकोच इसके कई फोटो खिंचवाए।
फिर उसी समाचार में मैंने नीचे उनकी क्वालिफिकेशन पढ़ी। मन्नत रेजिडेंशियल स्कूल त्रिवेंद्रम से उनका हाई स्कूल है पर स्नातक उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली, एमए किंग्स कॉलेज लंदन व अमेरिका के नेवल वार एकेडमी से कोर्स किया है।
मैं सोच में था कि चाहे कोई जेएनयू का ग्रेजुएट हो, लंदन व अमेरिका में पढ़ा हो, किंतु परिवार के संस्कार कितने गहरे रहते हैं, कि इतने सर्वोच्च स्थान पर बैठकर भी मां को पैर छूकर सम्मान देना नहीं भूले।
हां!मुझे एक घटना सर आशुतोष मुखर्जी की भी स्मरण आई।जब उन्हें गवर्नर जनरल ने लंदन चलने के लिए कहा तो उन्होंने कहा “मेरी मां कहती है की समुद्र पार करने में दोष लगता है इसलिए मैं नहीं जा सकता”
पर गवर्नर ने कहा “नहीं! मेरा ऑर्डर है मानना पड़ेगा।”
तो सर आशुतोष मुखर्जी ने कहा “मेरे लिए मेरी मां का आर्डर सर्वोच्च है भारत का गवर्नर जनरल का आर्डर उसके अनुरूप नहीं, इसलिए नहीं मान सकता।”
सारे विश्व में यह प्रसिद्ध है कि भारतीय परिवार परंपरा अत्यंत समृद्ध व संस्कारित है और यह बात सामान्य परिवार से लेकर सर्वोच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों पर समान रूप से लागू है।गर्व है हमें अपनी इस परिवार परंपरा व भारत के जीवन मूल्यों पर।
नीचे:एडमिरल हरि कुमार को गले लगाती मां, व नरेंद्र मोदी जब अपनी मां से मिलने के लिए गए.